यूपी डीएलएड क्या है? D.el.ed में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

D.el.ed में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं? : साथियों अगर आप भी 2025 में Dled कोर्स करने की सोच रहे है तो आपको सबसे पहले यूपी डीएलएड क्या है? तथा D.el.ed में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं? के विषय में जानकारी देने वाले है।

उत्तर प्रदेश डीएलएड (UP D.El.Ed) एक दो-वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है जो प्राथमिक शिक्षा में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है। यह कोर्स उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड (UPBEB) द्वारा कराया जाता है।

D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) एक दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है, जो प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 8 तक) के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कोर्स शिक्षकों को बच्चों के सामाजिक, भावनात्मक, बौद्धिक और शैक्षणिक विकास के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करता है।

D.El.Ed कोर्स में विभिन्न विषयों (सब्जेक्ट्स) का अध्ययन किया जाता है, जो शिक्षण प्रक्रिया को समझने और उसे प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करते हैं। आइए, D.El.Ed में पढ़ाए जाने वाले प्रमुख विषयों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

 

D.El.Ed के प्रमुख विषय (Subjects)

D.El.Ed कोर्स को दो भागों में विभाजित किया जाता है: **सैद्धांतिक (Theory)** और **प्रायोगिक (Practical)**। इन दोनों भागों में विभिन्न विषयों को शामिल किया जाता है, जो शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में पूरी तरह से तैयार करते हैं।

1. सैद्धांतिक विषय (Theory Subjects)

सैद्धांतिक विषयों का उद्देश्य शिक्षण के मूल सिद्धांतों, शिक्षा के दर्शन, और बच्चों के विकास से संबंधित ज्ञान प्रदान करना है। इनमें निम्नलिखित विषय शामिल हैं:

2.बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (Child Development and Pedagogy):

यह विषय बच्चों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास के सिद्धांतों पर केंद्रित है। इसमें बच्चों की सीखने की प्रक्रिया, उनकी आवश्यकताएं, और शिक्षण के तरीकों को समझाया जाता है।

शिक्षण की भाषा (Language for Teaching):

इसमें हिंदी, अंग्रेजी, या क्षेत्रीय भाषाओं का अध्ययन किया जाता है। यह विषय शिक्षकों को भाषा के माध्यम से प्रभावी ढंग से पढ़ाने के तरीकों से परिचित कराता है।

गणित शिक्षण (Teaching of Mathematics):

इस विषय में गणित के मूल सिद्धांतों और उन्हें बच्चों को समझाने के तरीकों पर ध्यान दिया जाता है।

पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies):

यह विषय पर्यावरण, प्रकृति, और समाज से संबंधित ज्ञान प्रदान करता है। इसमें बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के तरीके सिखाए जाते हैं।

सामाजिक विज्ञान शिक्षण (Teaching of Social Studies):

इसमें इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, और समाजशास्त्र जैसे विषयों को शामिल किया जाता है।

विज्ञान शिक्षण (Teaching of Science):

यह विषय विज्ञान के मूल सिद्धांतों और उन्हें बच्चों को समझाने के तरीकों पर केंद्रित है।

शिक्षा का दर्शन और समाजशास्त्र (Philosophy and Sociology of Education):

इसमें शिक्षा के दार्शनिक और सामाजिक पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी (Educational Technology):

यह विषय शिक्षण में तकनीक के उपयोग और उसके महत्व को समझाता है।

2. प्रायोगिक विषय (Practical Subjects)

प्रायोगिक विषयों का उद्देश्य शिक्षकों को वास्तविक कक्षा स्थितियों में शिक्षण का अनुभव प्रदान करना है। इनमें निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल हैं:

कक्षा शिक्षण (Classroom Teaching):

छात्र-शिक्षकों को वास्तविक कक्षाओं में पढ़ाने का अवसर दिया जाता है। इससे उन्हें शिक्षण के व्यावहारिक पहलुओं को समझने में मदद मिलती है।

पाठ योजना (Lesson Planning):

छात्र-शिक्षकों को पाठ योजना बनाने और उसे लागू करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

स्कूल इंटर्नशिप (School Internship):

यह D.El.Ed कोर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें छात्र-शिक्षकों को स्कूलों में इंटर्नशिप करने का अवसर मिलता है।

प्रोजेक्ट वर्क (Project Work):

इसमें छात्र-शिक्षकों को शिक्षा से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम करने का अवसर मिलता है।

शिक्षण सामग्री का निर्माण (Teaching Aid Preparation):

इस गतिविधि में छात्र-शिक्षकों को शिक्षण सामग्री (जैसे चार्ट, मॉडल, आदि) बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

 

D.El.Ed का महत्व

D.El.Ed कोर्स प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कोर्स शिक्षकों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें बच्चों के साथ संवाद करने, उनकी समस्याओं को समझने, और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए तैयार करता है। इस कोर्स के माध्यम से शिक्षकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त होते हैं।

 

डीएलएड की फुल फॉर्म क्या है?

डीएलएड की फुल फॉर्म डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (Diploma in Elementary Education) है।

 

डी एल एड के लिए योग्यता यूपी मैं क्या है?

डीएलएड करने के लिए, उम्मीदवारों को निम्नलिखित योग्यताओं को पूरा करना होगा:

  • ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
  • इंटरमीडिएट में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।
  • आयु 17 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

 

Dled Mai Admission Kaise Hota Hai?

 

डीएलएड में प्रवेश लेने के लिए, उम्मीदवारों को उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र में निम्नलिखित जानकारी भरनी होगी:

  • व्यक्तिगत विवरण
  • योग्यता विवरण
  • फोटो और हस्ताक्षर

 

डीएलएड कोर्स की अवधि क्या है?

डीएलएड कोर्स दो वर्षों का होता है, जिसमें चार सेमेस्टर होते हैं।

 

D.el.ed में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

 

डीएलएड कोर्स में निम्नलिखित विषय पढ़ाए जाते हैं:

  • बाल विकास और सीखने की प्रक्रिया
  • शिक्षण अधिगम के सिद्धांत
  • हिंदी
  • गणित
  • सामाजिक अध्ययन
  • विज्ञान
  • कला
  • संगीत
  • कंप्यूटर
  • शारीरिक शिक्षा
  • इंटर्नशिप

 

डीएलएड कोर्स के फायदे क्या हैं?

डीएलएड कोर्स करने के कई फायदे हैं:

  1. प्राथमिक शिक्षा में शिक्षक बनने का अवसर।
  2. टीईटी और सुपर टीईटी परीक्षा में बैठने का अवसर।
  3. प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक बनने का अवसर।
  4. ट्यूशन और होम ट्यूशन का अवसर।
  5. जूनियर टीचर बनने का अवसर।
  6. करियर काउंसलिंग का अवसर।

 

डी एल एड की फीस कितनी है?

डीएलएड की फीस प्रत्येक राज्य की अलग-अलग हो सकती है, किंतु उत्तर प्रदेश में डीएलएड की फीस 40,000 से लेकर 50,000 के आसपास होती है, जो कि प्राइवेट कॉलेजों की फीस है। अगर आपको अपने अंकों के मेरिट के आधार पर डाइट मिलती है, तो आपको फीस 15,000 के आसपास होती है, जो कि प्राइवेट कॉलेजों से काफी कम है।

 

बीटीसी और डीएलएड में क्या अंतर है?

बीटीसी की फुल फॉर्म बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट है, जबकि डीएलएड की फुल फॉर्म डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन है। पहले इस कोर्स का नाम बीटीसी था, लेकिन अब इसे डीएलएड कहा जाता है।

 

डीएलएड और बीएड में क्या अंतर है?

डीएलएड और बीएड दोनों ही शिक्षा से संबंधित कोर्स हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं:

  • बीएड एक स्नातक स्तर का कोर्स है, जबकि डीएलएड एक डिप्लोमा कोर्स है।
  • बीएड में प्रवेश लेने के लिए, उम्मीदवारों को स्नातक स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है, जबकि डीएलएड में प्रवेश लेने के लिए, उम्मीदवारों को ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
  • बीएड कोर्स की अवधि दो वर्ष होती है, जबकि डीएलएड कोर्स की अवधि भी दो वर्ष होती है।
  • बीएड कोर्स में प्रवेश लेने वाले उम्मीदवार उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में शिक्षक बन सकते हैं, जबकि डीएलएड कोर्स में प्रवेश लेने वाले उम्मीदवार प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में शिक्षक बन सकते हैं।

 

डीएलएड करने के बाद क्या करें?

डीएलएड करने के बाद, आप प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में शिक्षक बन सकते हैं। इसके अलावा, आप टीईटी और सुपर टीईटी परीक्षा में भी बैठ सकते हैं। यदि आप उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में शिक्षक बनना चाहते हैं, तो आपको बीएड कोर्स करना होगा।

 

डीएलएड की पढ़ाई कैसे करें?

 

डीएलएड की पढ़ाई करने के लिए, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:

  • नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित रहें।
  • पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई करें।
  • नोट्स बनाएं और उन्हें नियमित रूप से पढ़ें।
  • प्रैक्टिकल कार्यों में भाग लें।
  • शिक्षकों से प्रश्न पूछें और उनकी सलाह लें।

निष्कर्ष

D.El.Ed कोर्स में बाल विकास, शिक्षाशास्त्र, भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, और पर्यावरण अध्ययन जैसे विषयों का अध्ययन किया जाता है। यह कोर्स शिक्षकों को प्राथमिक स्तर पर शिक्षण के लिए पूरी तरह से तैयार करता है। यदि आप प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो D.El.Ed एक उत्कृष्ट विकल्प है। इस कोर्स के माध्यम से आप न केवल शिक्षक बन सकते हैं, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

 

FAQ- UP D.El.Ed (Diploma in Elementary Education) से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न।

Q.1 UP D.El.Ed क्या है?

Ans. UP D.El.Ed दो साल का elementary education course होता है। जिसे उत्तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड (UPBEB) द्वारा कराया जाता है.

 

Q.2 UP D.El.Ed ki योग्यता क्या है?

Ans. UP D.El.Ed करने के लिए छात्रों के पास इंटर में 50% मार्क्स तथा ग्रेजुएशन होना जरूरी है.

 

Q.3 UP D.El.Ed के लिए एप्लाई कैसे करे?

Ans. UP D.El.Ed करने के लिए छात्रों को उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते है। जिसमे पर्सनल डिटेल तथा क्वालिफिकेशन तथा फोटो तथा हस्ताक्षर मांगे जाते है।

 

Q.4 UP D.El.Ed कितने साल का होता है?

Ans. उत्तर प्रदेश मैं D.El.Ed course दो साल का होता है। जिसमे 4 सेमेस्टर होते है।

उम्मीद है, यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके पास कोई प्रश्न है, तो कृपया पूछें।

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